काम की बात : क्या GST कटोती के बाद आप भी नयी कार खरीदने जा रहे है ?
New Car खरीदते समय सबसे अच्छी कीमत कैसे पाएं
एक आसान और मजेदार गाइड
नई कार (New Car) खरीदना एक रोमांचक अनुभव होता है, लेकिन यह थोड़ा तनावपूर्ण भी हो सकता है, खासकर जब बात कीमत की आती है। भारत में कार खरीदना एक बड़ा निवेश है, और हर कोई चाहता है कि उसे सबसे अच्छा सौदा मिले। लेकिन चिंता न करें! इस आलेख में, मैं आपको आसान और सरल तरीके से बताऊंगा कि आप भारत में नई कार खरीदते समय सबसे अच्छी कीमत कैसे पा सकते हैं। ताकि आप इसे पढ़कर आत्मविश्वास के साथ डीलरशिप पर जा सकें। तो, चलिए शुरू करते हैं!
1. अपनी जरूरतों और बजट को समझें(understand Budget)
सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं। कार खरीदना ऐसा है जैसे अपने लिए नया दोस्त चुनना—आपको पहले यह तय करना होगा कि आपको किस तरह का दोस्त चाहिए! क्या आप एक छोटी, किफायती हैचबैक चाहते हैं जैसे मारुति सुजुकी ऑल्टो या हुंडई i20? या फिर आपको एक स्टाइलिश सेडान चाहिए जैसे Honda City या Honda AMAZE ? शायद आप एक SUV के दीवाने हैं, जैसे क्रेटा या महिंद्रा Scorpio?
- सवाल पूछें: कार का उपयोग कौन करेगा? क्या यह रोजमर्रा की सिटी ड्राइविंग के लिए है या लंबी यात्राओं के लिए? कितने लोग इसे इस्तेमाल करेंगे? क्या आपको पेट्रोल, डीजल, CNG या इलेक्ट्रिक कार चाहिए?
- बजट तय करें: कार की कीमत के अलावा, आपको रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, एक्सेसरीज, और मेंटेनेंस का खर्च भी जोड़ना होगा। मान लीजिए, अगर आपकी कार की ऑन-रोड कीमत 10 लाख रुपये है, तो इन अतिरिक्त खर्चों के लिए 1-2 लाख रुपये और जोड़ लें।
टिप: अपने बजट को थोड़ा लचीला रखें, लेकिन उससे ज्यादा खर्च करने की गलती न करें। अगर आपका बजट 8 लाख है, तो 7-7.5 लाख की कार देखें ताकि बाकी खर्चे कवर हो सकें।
2. रिसर्च करें: जानकारी ही ताकत है!(Do Research)
भारत में कार खरीदने का सबसे बड़ा हथियार है—रिसर्च! जितना ज्यादा आप जानेंगे, उतना ही बेहतर सौदा पा सकेंगे। आजकल इंटरनेट आपका सबसे अच्छा दोस्त है।
- ऑनलाइन रिसर्च: वेबसाइट्स जैसे CarDekho, ZigWheels, और carwale पर जाएं। इन साइट्स पर आपको कारों की कीमत, फीचर्स, माइलेज, और यूजर रिव्यूज मिलेंगे। उदाहरण के लिए, अगर आप Maruti Suzuki swift खरीदना चाहते हैं, तो इसके अलग-अलग वेरिएंट्स की कीमत और फीचर्स चेक करें।
- कीमत की तुलना करें: एक ही कार की कीमत अलग-अलग डीलरशिप्स पर अलग हो सकती है। दिल्ली में स्विफ्ट की कीमत मुंबई से थोड़ी अलग हो सकती है क्योंकि RTO चार्जेस और टैक्स अलग-अलग होते हैं।
- प्रतियोगियों को देखें: अगर आप हुंडई क्रेटा पसंद करते हैं, तो किआ सेल्टोस, टाटा हैरियर, या MG हेक्टर जैसे विकल्पों की भी तुलना करें। इससे आपको डीलर के साथ मोलभाव में मदद मिलेगी।
- एक्स-शोरूम vs ऑन-रोड कीमत: एक्स-शोरूम कीमत वह होती है जो कार की बेसिक कीमत होती है। लेकिन ऑन-रोड कीमत में रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, RTO टैक्स, और अन्य चार्जेस जुड़ते हैं। हमेशा ऑन-रोड कीमत पर ध्यान दें।
मजेदार टिप: रिसर्च को एक गेम की तरह लें! अपने दोस्तों या परिवार के साथ बैठकर कारों की तुलना करें, और देखें कि कौन सबसे अच्छा सौदा ढूंढ सकता है।
3. सही समय चुनें (Perfect Timing)
भारत में कार खरीदने का सही समय चुनना बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। डीलरशिप्स और कार कंपनियां साल के कुछ खास मौकों पर भारी डिस्काउंट देती हैं।
- त्योहारों का सीजन: दीवाली, दशहरा, और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान डीलरशिप्स बड़े ऑफर्स देते हैं। उदाहरण के लिए, मारुति सुजुकी और हुंडई अक्सर दीवाली पर 50,000 रुपये तक का डिस्काउंट या फ्री एक्सेसरीज ऑफर करते हैं।
- वर्ष का अंत: दिसंबर में डीलर अपने पुराने स्टॉक को खत्म करना चाहते हैं ताकि नए साल में नया स्टॉक ला सकें। यह समय मोलभाव के लिए बहुत अच्छा होता है।
- महीने का अंत: डीलरशिप्स को हर महीने टारगेट पूरे करने होते हैं। अगर महीने के आखिरी हफ्ते में आप डीलरशिप पर जाएं, तो हो सकता है कि वे आपको ज्यादा डिस्काउंट दें।
टिप: अगर आप इलेक्ट्रिक कार खरीद रहे हैं, तो सरकार की FAME-II स्कीम के तहत सब्सिडी चेक करें। टाटा नेक्सन EV या MG ZS EV जैसी कारों पर आपको अच्छी छूट मिल सकती है।
4. डीलरशिप पर मोलभाव की कला (Bargaining)
अब आता है असली मजा—मोलभाव….भारत में मोलभाव करना एक कला है, और इसे सही तरीके से करने से आप हजारों रुपये बचा सकते हैं। लेकिन डरें नहीं, यहाँ मैं आपको कुछ आसान ट्रिक्स बताऊंगा।
- आत्मविश्वास दिखाएं: डीलरशिप पर जाने से पहले अपनी रिसर्च पूरी करें। अगर आपको पता है कि कार की ऑन-रोड कीमत 10 लाख है और डीलर 10.5 लाख मांग रहा है, तो आप आत्मविश्वास से कह सकते हैं, “मुझे पता है कि इस कार की कीमत XYZ शोरूम में 10 लाख है। क्या आप इससे बेहतर ऑफर दे सकते हैं?”
- पहले ऑफर न दें: डीलर को पहले कीमत बताने दें। अगर आप पहले ही कह देंगे कि “मैं 8 लाख दे सकता हूं,” तो हो सकता है कि डीलर उससे नीचे न जाए, भले ही वह 7.5 लाख में भी देने को तैयार हो।
- कई डीलरशिप्स से कोट लें: एक ही शहर में एक कंपनी के कई डीलर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में मारुति के 10-12 शोरूम हो सकते हैं। अलग-अलग डीलर से कोट लें और उन्हें बताएं कि आपको कहीं और बेहतर ऑफर मिला है। इससे वे आपके साथ मोलभाव करने को मजबूर होंगे।
- एक्सेसरीज और फ्रीबीज मांगें: अगर डीलर कीमत पर ज्यादा छूट नहीं दे रहा, तो फ्री एक्सेसरीज जैसे फ्लोर मैट, सीट कवर, या मड फ्लैप मांगें। कई बार डीलर इंश्योरेंस पर भी डिस्काउंट दे देते हैं।
- कैश डिस्काउंट: अगर आप पूरी राशि नकद (या ऑनलाइन) दे रहे हैं, तो डीलर से कैश डिस्काउंट मांगें। कई बार डीलर 10,000-20,000 रुपये की अतिरिक्त छूट दे देते हैं।
मजेदार टिप: मोलभाव को एक दोस्ताना खेल की तरह लें। डीलर के साथ हल्की-फुल्की बातचीत करें, मुस्कुराएं, और थोड़ा मजाक करें। इससे माहौल हल्का रहता है और डीलर आपके साथ सहज हो जाता है।
5. फाइनेंस और लोन के ऑप्शन्स (Financing options)
भारत में ज्यादातर लोग कार लोन लेकर खरीदते हैं। लोन लेना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन सही लोन चुनना जरूरी है।
- ब्याज दरें चेक करें: अलग-अलग बैंकों और NBFCs (जैसे HDFC, SBI, या Bajaj Finance) की ब्याज दरों की तुलना करें। मान लीजिए, SBI का लोन 8% ब्याज पर है और HDFC का 8.5% पर, तो SBI आपके लिए बेहतर हो सकता है।
- EMI और अवधि: अपनी मासिक EMI को अपने बजट के हिसाब से चुनें। लंबी अवधि का लोन (5-7 साल) EMI को कम करता है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा होता है। छोटी अवधि (3-4 साल) में ब्याज कम देना पड़ता है।
- डीलर के लोन ऑफर: कई डीलरशिप्स अपने पार्टनर बैंकों के साथ लोन ऑफर करती हैं। इन ऑफर्स को चेक करें, लेकिन डीलर के ऑफर को आंख मूंदकर न मानें। अपने बैंक से भी कोट लें।
- डाउन पेमेंट: जितना ज्यादा डाउन पेमेंट आप दे सकते हैं, उतना कम लोन लेना पड़ेगा, और ब्याज भी कम देना होगा।
टिप: अगर आप पुरानी कार बेच रहे हैं, तो उसकी कीमत को डाउन पेमेंट में इस्तेमाल करें। कई डीलर पुरानी कार के बदले एक्सचेंज बोनस भी देते हैं।
6. अतिरिक्त चार्जेस से सावधान रहें (Avoid Additional Charges)
डीलरशिप्स अक्सर कुछ “छिपे (Hidden)” चार्जेस जोड़ने की कोशिश करते हैं। इन पर नजर रखें:
- हैंडलिंग चार्जेस: कुछ डीलर “हैंडलिंग” या “लॉजिस्टिक्स” चार्ज के नाम पर 5,000-20,000 रुपये अतिरिक्त मांगते हैं। यह पूरी तरह से वैकल्पिक है, और आप इसे हटाने के लिए कह सकते हैं।
- एक्सटेंडेड वारंटी: कई डीलर एक्सटेंडेड वारंटी बेचने की कोशिश करते हैं। इसे लेने से पहले यह चेक करें कि क्या यह वाकई जरूरी है।
- इंश्योरेंस: डीलर अक्सर अपनी पार्टनर इंश्योरेंस कंपनी का प्लान बेचते हैं। लेकिन आप ऑनलाइन पॉलिसी बाजार जैसे प्लेटफॉर्म्स से सस्ता इंश्योरेंस ले सकते हैं।
टिप: डीलर से ऑन-रोड कीमत का पूरा ब्रेकअप मांगें। हर चार्ज को समझें और जो गैर-जरूरी लगे, उसे हटाने के लिए कहें।
7. टेस्ट ड्राइव और कार की जांच (Test drive and PDI)
कार खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव जरूरी है। यह न सिर्फ आपको कार की फील देता है, बल्कि डीलर को यह भी दिखाता है कि आप गंभीर खरीदार हैं।
- टेस्ट ड्राइव: कार को शहर और हाईवे दोनों पर चलाकर देखें। सीट्स, सस्पेंशन, ब्रेक्स, और माइलेज का अंदाजा लें।
- निर्माण की तारीख: कार का मैन्युफैक्चरिंग डेट चेक करें। अगर कार 6 महीने से ज्यादा पुरानी है, तो डीलर से डिस्काउंट मांगें, क्योंकि यह पुराना स्टॉक हो सकता है।
- डिलीवरी से पहले जांच: कार डिलीवरी लेते समय, पेंट, टायर, इंटीरियर, और सभी फीचर्स की जांच करें। कोई खरोंच या दिक्कत हो तो तुरंत डीलर को बताएं।
8. धैर्य रखें और जल्दबाजी न करें (Be patient)
कार खरीदना जल्दबाजी का काम नहीं है। अगर आपको लगता है कि डीलर आपको अच्छा ऑफर नहीं दे रहा, तो दूसरी डीलरशिप पर जाएं। धैर्य रखने से आप हजारों रुपये बचा सकते हैं।
- वॉक-आउट ट्रिक: अगर डीलर आपकी कीमत मानने को तैयार नहीं है, तो विनम्रता से कहें कि आप दूसरी डीलरशिप पर जा रहे हैं। कई बार डीलर आपको रोकने के लिए बेहतर ऑफर दे देता है।
- लिखित ऑफर लें: जो भी डील फाइनल हो, उसे लिखित में लें। ईमेल या पेपर पर कोट मांगें ताकि बाद में कोई गड़बड़ न हो।
9. ऑनलाइन खरीदारी के विकल्प (Online Options)
आजकल कई कार कंपनियां जैसे हुंडई, टाटा, और MG अपनी वेबसाइट्स पर ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा देती हैं। आप घर बैठे कार बुक कर सकते हैं और कई बार ऑनलाइन खरीदारी पर अतिरिक्त डिस्काउंट भी मिलता है। लेकिन ऑनलाइन बुकिंग से पहले शोरूम जाकर टेस्ट ड्राइव जरूर लें।
10. आखिरी टिप्स: स्मार्ट खरीदार बनें! (Be Smart)
- दोस्तों से सलाह लें: अगर आपके दोस्त या परिवार में किसी ने हाल ही में कार खरीदी है, तो उनसे डीलरशिप और ऑफर्स के बारे में पूछें।
- कागजी कार्रवाई: रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, और लोन के सभी कागजात ध्यान से पढ़ें। कोई भी कागज बिना समझे साइन न करें।
- खुशी से खरीदें: कार खरीदना एक खुशी का मौका है। तनाव न लें, और उस कार को चुनें जो आपके दिल को भाए।
निष्कर्ष (Conclusion)
आखरी बात : नई कार खरीदना एक बड़ा फैसला है, लेकिन सही रिसर्च, मोलभाव, और धैर्य के साथ आप सबसे अच्छा सौदा पा सकते हैं। भारत में कार खरीदते समय यह याद रखें कि आप ग्राहक हैं, और डीलर आपका बिजनेस चाहता है।
Very Imp based on my Experience:- जल्दबाजी ना करें : अगर पहली बार कार खरीदने जा रहे है तो आप जल्दबाजी में फेसला करने की गलती ना करें , याद रखे सेल्समेन को आपसे कोई मतलब नही होता उसे किसी भी प्रकार से आपको गाडी बेचनी है एक बार आपने गाडी खरीद ली तो सेल्समेन को आपसे कोई ख़ास मतलब नही रह जायेगा और वो दुसरे नए ग्राहक पर ध्यान देने लग जायेगा इसलिए अपनी तरफ से internet , youtube और इस ब्लॉग nayigaadi के Knowledge Section का पूरा इस्तेमाल कर पूरी जानकारी रखे …आज से जब 2 साल पहले में अपने लिए i 20 कार को shortlist किया था तो i20 top model यानी i20 asta optional और i 20 asta में मामूली फर्क जानकार i 20 asta फाइनल कर ली लेकिन इन दोनों में एक बड़ा फर्क था 6 airbag और 2 airbag का जो ना ही में नोट कर पाया और न ही सेल्समेन ने बताया …तो आप भी इस प्रकार की गलती ना करें , अभी Govt E 20 पेट्रोल पे ध्यान दे रही है तो आप BS 6 phase 2nd गाडी ही ले जो E 20 को ध्यान में रख कर ही बनायीं गयी हैं …. आत्मविश्वास के साथ डीलरशिप पर जाएं, अपनी रिसर्च का इस्तेमाल करें, और सही समय पर सही सौदा पक्का करें।
तो, अब आप अपनी ड्रीम कार की चाबी लेने के लिए तैयार हो जाइए, और सड़कों पर स्टाइल के साथ घूमिए। अगर आपके कोई और सवाल हैं, तो Comments के माध्यम से शेयर करें 🚗
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